ഗവ യു പി എസ്സ് വഞ്ചിയൂർ/അക്ഷരവൃക്ഷം/ पर्यावरण जीवन का रंगमंच

Schoolwiki സംരംഭത്തിൽ നിന്ന്
पर्यावरण जीवन का रंगमंच

हमारी. प्रकृति कितना सुन्दर है ? वायु , मिट्टी, आकाश, जल, जीव जन्तु , पेड़ पौधे सभी मिलकर ही पर्यावरण बनता है। नदियाँ , पेड़ पौधे , पहाडियाँ , विशाल खेत , जंगल ये सब प्रकृति की सु द ं रता बढान वाले हैं। आँखों को सुख देने वाले है। पर्यावरण प्रदूषण आज के युग की सबसे बडी समस्या है , I पर्यावया और प्रदूषण एक सिक्के के दो पहलू है। पर्यावरण मुख्य विषयहै तो प्रदूषण इसी पर्यावरण को होता है। प्रदषण करना माने प्रकृति को कलंक करना है I हमारी मिट्टी, वायु , आकारा, जल सभी स्वच्छ रखना है ॥ इस को हमें निर्मल बनाए रखना है। हम चाहते हैं कि हमारे जलाशय, कृषि, झील भोजन सभी प्रदूषणहीन रहें I हमारे वन- उपवन सब भरपूर रहें। हमारे चारों ओर की मिट्टी, जल, वाय का मैला होना ही प्रदूषण है। उपजों का बढ़ाने और कीडों का मारनेकेलिए हम२ासायनिक पदार्थों का इस्तेमाल कटते हैं I ये रासायनिक पदार्थ हमारी मिट्टी को ही नही ं भूमि के रक्षकारी ओसोण की छतरी को भी हानी पहु च ाती है। हमारे आसपास बहुत नादियाँ बहती थी। लेकिन अब वे गायब हो गए हैं। नादियों के किनारे प्लास्टिक और कूड़े कचड़े से भरा है। यही है हमारे जल स्रोतो का हालत । भविष्यवाणी यह है कि जिस को पानी पर आधिकार २हेगा वही इस धरती का राजा होगा। शुद्ध वायु के बिना एक पल भी हमारा जीना मुश्किल है। लेकिन साँस लेने वाली वायु भी शुद्ध नही ं है। शुद्धवायु हमें पेड़ पौधे देते हैं। लेकिन मानव अपनी स्वार्थता केलिए इन पेडों को काटते हैं। हम प्रगति के पथ पर है I बडे बड़े कारखानों और गाडियों से निकलने वाली धुए ँ सेवायु प्रदूषित होता है। इसका नतीजा शुद्धवायु केलिए हमें ऑक्सिजन पार्लर जाना पड़ता है। अब बड़े शहरों में इसकी सुविधाएँ भी है। हम पुकारते हैं - प्रकृति को बचाओ, पेड़ लगाओ, पेड . मत काटो I पर्यावरण जीवों का रंग मंच है। आधुनिक युग मं। विकास अवश्य २हें I लेकिन यह विकास विनारा की दिशा में न मुडजाएँ। हम सब भूमि के वासी हैं। हमें इस धरती के वातावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने का दृढ संकल्प लेना है। " प्रकृति को बचाएँ और जीवन को सुरक्षित रखें "।

അമൃത എസ്
7 B ഗവ യു പി എസ്സ് വഞ്ചിയൂർ
കിളിമാനൂർ ഉപജില്ല
തിരുവനന്തപുരം
അക്ഷരവൃക്ഷം പദ്ധതി, 2020
ലേഖനം

 സാങ്കേതിക പരിശോധന - Sachingnair തീയ്യതി: 04/ 05/ 2020 >> രചനാവിഭാഗം - ലേഖനം